तू लड़ता जा Hindi Poetry

तू लड़ता जा तू लड़ता जा, आगे बढ़ता जा, ये जो लहू हैं बहता तेरी रगों में, इस लहू को लावा करता जा। वो दिन भी आएगा, जब तू बेख़ौफ़ होगा, जब तू आज़ाद होगा। तब तक अपने अंदर, इंक़लाब…

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